प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 30.08.2025 को अमित अग्रवाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत चल रही जाँच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है।
ईडी ने ईओडब्ल्यू, दिल्ली पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 420/467/468/471/120बी के तहत मेसर्स किंजल फ्रेट फॉरवर्डिंग (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर जाँच शुरू की है। यह एफआईआर श्री विकास मोहपाल, चार्टर्ड अकाउंटेंट के क्रेडेंशियल्स का दुरुपयोग करके जाली फॉर्म 15सीबी और 15सीए के माध्यम से करोड़ों रुपये विदेश भेजने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया गया था।
इस मामले में, भारत से हांगकांग और सिंगापुर में माल और सेवाओं के आयात और माल ढुलाई शुल्क के भुगतान की आड़ में 696.69 करोड़ रुपये की बड़ी राशि भेजी गई थी।
इन प्रेषित धनराशियों के विरुद्ध भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति नहीं की गई, जिससे राजकोष को विदेशी मुद्रा की हानि हुई।
भारत से धनराशि के हस्तांतरण के लिए, धोखाधड़ी वाले खाता लेनदेन करने हेतु संस्थाओं का एक जटिल जाल बनाया गया।
इसके अलावा, उक्त संस्थाओं के निदेशकों/मालिकों/साझेदारों ने जाली पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और
बाद में उन्हीं जाली पहचानों का उपयोग करके उक्त संस्थाओं के नाम पर बैंक खाते भी खोले गए।
बाहरी प्रेषणों को अंजाम देने के लिए, इन संस्थाओं ने नकदी के बदले अपने-अपने बैंक खातों में क्रेडिट प्रविष्टियाँ कीं और उसके बाद जाली एयरवे बिल, चालान और फर्जी फॉर्म 15 सीबी (अनिवासी या विदेशी कंपनी को किए जाने वाले भुगतान के लिए आयकर नियमों के तहत आवश्यक लेखाकार का प्रमाण पत्र) की मदद से धनराशि
भारत से बाहर प्रेषित की गई।
ईडी की जाँच से पता चला है कि अमित अग्रवाल फर्जी पहचान का उपयोग करके संस्थाओं का जटिल जाल बनाने और उनके संबंधित बैंक खाते खोलने में शामिल मुख्य व्यक्तियों में से एक था। बाद में उसने इन संस्थाओं के बैंक खातों में नकदी के बदले कई अन्य संस्थाओं से क्रेडिट प्रविष्टियाँ प्राप्त कीं।
माननीय विशेष न्यायालय (पीएमएलए) ने उसे सात दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
आगे की जाँच जारी है।
