प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय ने अवैध कॉल सेंटर घोटाले से संबंधित धन शोधन जांच के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम
(पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 20.08.2025 को गुरुग्राम और नई दिल्ली में 7 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया।
ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, आईओडी, दिल्ली द्वारा आईपीसी, 1860 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर जाँच शुरू की, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ यह आरोप लगाया गया था कि
अज्ञात आरोपी व्यक्ति आपस में आपराधिक साजिश रचकर, नई दिल्ली और आसपास के इलाकों से अवैध कॉल सेंटर चला रहे हैं
जिसका उद्देश्य अपने पीड़ितों (मुख्य रूप से अमेरिकी नागरिकों) को निशाना बनाना और उन्हें
नवंबर 2022 से अप्रैल 2024 की अवधि के दौरान तकनीकी धोखाधड़ी का शिकार बनाना है।
ईडी की अब तक की जाँच से पता चला है कि आरोपी व्यक्ति, अर्जुन गुलाटी, दिव्यांश गोयल और
अभिनव कालरा, नोएडा और गुरुग्राम में एक अवैध कॉल सेंटर चलाने में शामिल थे, जिसका उद्देश्य अपने पीड़ितों (मुख्य रूप से अमेरिकी नागरिकों) को तकनीकी सहायता प्रदान करने की आड़ में निशाना बनाना था। आरोपी
व्यक्तियों ने उनके बैंक खातों तक अनधिकृत पहुँच प्राप्त की और धनराशि को कई विदेशी
बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया और अंततः 200 से अधिक बैंक खातों से जुड़े बैंक लेनदेन के एक जाल के माध्यम से अपने भारतीय बैंक खातों में पहुँचा दिया। अब तक की जाँच से पता चला है कि आरोपियों ने नवंबर 2022 से अप्रैल 2024 तक पीड़ितों से 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ठगी की है।
तलाशी की कार्यवाही के परिणामस्वरूप विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं,
साइबर घोटाले में शामिल कई प्रमुख व्यक्तियों और लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं, जिससे धोखाधड़ी के तौर-तरीकों का खुलासा हुआ है।
तलाशी की कार्यवाही के दौरान, आरोपियों से जुड़े 30 बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए। साथ ही, 8 लग्जरी कारें और कई महंगी लग्जरी घड़ियाँ भी जब्त की गईं।
आरोपी व्यक्ति साइबर घोटाले के माध्यम से अवैध रूप से अर्जित धन से कथित तौर पर खरीदे गए आलीशान बड़े घरों में रह रहे हैं और उन्होंने अपराध की आय से 100 करोड़ रुपये से अधिक की कई मूल्यवान संपत्तियाँ भी अर्जित की हैं।
आगे की जाँच जारी है।
